ग्वालियर। बचपन में एक डाकू की कहानी सुनी थी। उसका नाम था, अंगुलीमाल । वह राहगीरों की जंगल से गुजरते वक्त अंगुली काट लेता था। इन उंगलियों की माला बनाकर वह गले में पहनता था। पुलिस भी इस डाकू से सबक लेकर बदमाशों से निपटने में लगी है। शहर और देहात में सिर उठाने वाले बदमाशों के ऐन घुटने पर गोली लग रही है। इस माह आंकड़ा सोमवार की रात पांच तक पहुंच गया। रात को मुरार थाने की पुलिस ने गणेश और बंटी नाम के दो अपराधियों के घुटने गोली मारकर सुराख कर दिए। मतलब, जिंदगी भर के लिए अब ये बदमाश पुलिस से भाग नही सकेंगे। अब इस पूरे एपिसोड में पुलिस की मुस्तैद कार्रवाई काबिल ए तारिफ है। हां, ये बात खल रही है कि पहले पुलिस सुस्त थी, या फिर अब पुलिस का निशाना दुरुस्त हो गया है। कुल मिलाकर नए पुलिस कप्तान की पुरानी टीम के घुटनामाल तेवर देख, बदमाश पुलिस से अपने घुटने छुपाए फिर रहे है। बदमाशों के सपने में आकर पुलिस शोले के गब्बर के अंदाज में घुटना मांगती दिखाई दे रही होगी। जैसा कि गब्बर ने फिल्म में ठाकुर को बांधकर उससे उसके हाथ मांगे थे। ये हाथ हमको दे ठाकुर......... ।
मैं कम बोलता हूं, पर कुछ लोग कहते हैं कि जब मैं बोलता हूं तो बहुत बोलता हूं.
मुझे लगता है कि मैं ज्यादा सोचता हूं मगर उनसे पूछ कर देखिये जिन्हे मैंने बिन सोचे समझे जाने क्या क्या कहा है!
मैं जैसा खुद को देखता हूं, शायद मैं वैसा नहीं हूं.......
कभी कभी थोड़ा सा चालाक और कभी बहुत भोला भी...
कभी थोड़ा क्रूर और कभी थोड़ा भावुक भी....
मैं एक बहुत आम इन्सान हूं जिसके कुछ सपने हैं...कुछ टूटे हैं और बहुत से पूरे भी हुए हैं...पर मैं भी एक आम आदमी की तरह् अपनी ज़िन्दगी से सन्तुष्ट नही हूं...
मुझे लगता है कि मैं नास्तिक भी हूं थोड़ा सा...थोड़ा सा विद्रोही...परम्परायें तोड़ना चाहता हूं ...और कभी कभी थोड़ा डरता भी हूं...
मुझे खुद से बातें करना पसंद है और दीवारों से भी...
बहुत से और लोगों की तरह मुझे भी लगता है कि मैं बहुत अकेला हूं...
मैं बहुत मजबूत हूं और बहुत कमजोर भी...
लोग कहते हैं लड़कों को नहीं रोना चाहिये...पर मैं रोता भी हूं...और मुझे इस पर गर्व है क्योंकि मैं कुछ ज्यादा महसूस करता हूं...
Wednesday, 3 July 2013
घुटनामाल ग्वालियर पुलिस
Labels:
Arpan Raut,
Crime,
Criminal,
Gwalior,
Gwalior Police,
Pistol,
Police,
Shootout
Location:
Gwalior, Madhya Pradesh, India
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment