शहर की अर्थव्यवस्था का अंदाजा उसमें खुले इंटरनेशनल ब्रांड के आउट-लेट की संख्या से होता है। अपने शहर ग्वालियर में ब्रांड तो बहुत आए, जबकि समय के साथ वह बंद हो गए, या फिर अपनी आखिरी सांसे ले रहे है। अब बात कर लिजिए शहर के सबसे पॉश इलाके सिटी सेंटर की। यहां कैफे कॉफी डे की ब्रांच कई समय पहले खुली। यहां एक ओर सामने पार्किंग ने होने से परेशानी थी ही। इससे बड़ी परेशानी यहां सुबह से जमने वाले छुटभैये नेताओं और गली के गुंडों की टोली का बैठना था। यहां एसी की ठंडी हवा में आराम फऱमाने के लिए फोकटियों की मंडलियां बकायदा राइफलों से लैस होकर बैठ जाती थी। माहौल देखकर दावा किया जा सकता है कि एसा माहौल पूरे देश के किसी और रेस्टॉरेन्ट का नही हो सकता। इन्हे देखकर परिवारों के साथ आए लोग हिचक कर चले जाते थे। वही स्टाफ भी कुछ बोले तो उन्हे अभद्रता का शिकार होना पड़ता था। स्टाफ बताता है कि एक समय था जब विश्वविद्यालय थाने के एक धाकड़ टीआई ने यहां जमने वाले फोकटियों को बाल पकड़ पकड़ कर घसीटा था। तब माहौल काफी बेहतर था, जबकि अब पुलिस भी यहां झांकने की तकलीफ नही करती। अब, कंपनी ने तय किया है कि सिटी सेंटर छोड़कर कही भी सेटअप जमाया जाएगा। गौरतलब है कि यहां पहले डॉमिनोजं भी बंद हो चुका है। आप खुद तय करें जिस शहर में व्यापार नही होगा, उस शहर के विकास की कल्पना की जा सकती है ? - जनहित में जारी ।
मैं कम बोलता हूं, पर कुछ लोग कहते हैं कि जब मैं बोलता हूं तो बहुत बोलता हूं.
मुझे लगता है कि मैं ज्यादा सोचता हूं मगर उनसे पूछ कर देखिये जिन्हे मैंने बिन सोचे समझे जाने क्या क्या कहा है!
मैं जैसा खुद को देखता हूं, शायद मैं वैसा नहीं हूं.......
कभी कभी थोड़ा सा चालाक और कभी बहुत भोला भी...
कभी थोड़ा क्रूर और कभी थोड़ा भावुक भी....
मैं एक बहुत आम इन्सान हूं जिसके कुछ सपने हैं...कुछ टूटे हैं और बहुत से पूरे भी हुए हैं...पर मैं भी एक आम आदमी की तरह् अपनी ज़िन्दगी से सन्तुष्ट नही हूं...
मुझे लगता है कि मैं नास्तिक भी हूं थोड़ा सा...थोड़ा सा विद्रोही...परम्परायें तोड़ना चाहता हूं ...और कभी कभी थोड़ा डरता भी हूं...
मुझे खुद से बातें करना पसंद है और दीवारों से भी...
बहुत से और लोगों की तरह मुझे भी लगता है कि मैं बहुत अकेला हूं...
मैं बहुत मजबूत हूं और बहुत कमजोर भी...
लोग कहते हैं लड़कों को नहीं रोना चाहिये...पर मैं रोता भी हूं...और मुझे इस पर गर्व है क्योंकि मैं कुछ ज्यादा महसूस करता हूं...
Thursday, 13 June 2013
फोकिटयों ने कराया बंद कैफे कॉफी डे
Labels:
Arpan Raut,
Cafe Coffee Day,
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Location:
Gwalior, Madhya Pradesh, India
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